Sunday, January 23, 2005

विश्वास

कई लम्हे खुशियों के
कई पल सुख के
कई मुस्कानें रख दीं
तुमने मेरे मुख पे ।

कभी तुम्हारी प्रीत ने
दिल तोड़ा नहीं आस का ।
पर सच कहूँ? इन सबसे
बड़ा था वो एक पल विश्वास का!

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