Tuesday, November 30, 1999

वो कौन है?

जीवन के अकेले मोड़ों पर,
सुख और दुःख के जोड़ों पर,
जिसे याद करती हूँ -
वो कौन है?

अनचाहे जब कुछ छिन जाता है,
अनपेक्षित जब कुछ मिल जाता है,
तब जिसका अस्तित्व महसूस करती हूँ -
वो कौन है?

किसी की बात जब चुभ जाती है,
कोई ग्लानि भीतर तक भर जाती है,
तब जिसका नाम जपती हूँ -
वो कौन है?

जब अंदर से टूट जाती हूँ,
हीनता से इपनी घुट जाती हूँ,
तब जिसकी सोच कर आह भरती हूँ -
वो कौन है?

जब सूर्य की ग़रमी ऊर्जा देती है,
चाँदनी की शीतलती सिर छूती है,
तब जिसका धन्यवाद करती हूँ -
वो कौन है?

अँधेरे के बाद जब मिलती है रोशनी,
जीवन में नहीं लगती कोई कमी,
तब जिससे आशीः माँगती हूँ -
वो कौन है?