वो कौन है?
जीवन के अकेले मोड़ों पर,
सुख और दुःख के जोड़ों पर,
जिसे याद करती हूँ -
वो कौन है?
अनचाहे जब कुछ छिन जाता है,
अनपेक्षित जब कुछ मिल जाता है,
तब जिसका अस्तित्व महसूस करती हूँ -
वो कौन है?
किसी की बात जब चुभ जाती है,
कोई ग्लानि भीतर तक भर जाती है,
तब जिसका नाम जपती हूँ -
वो कौन है?
जब अंदर से टूट जाती हूँ,
हीनता से इपनी घुट जाती हूँ,
तब जिसकी सोच कर आह भरती हूँ -
वो कौन है?
जब सूर्य की ग़रमी ऊर्जा देती है,
चाँदनी की शीतलती सिर छूती है,
तब जिसका धन्यवाद करती हूँ -
वो कौन है?
अँधेरे के बाद जब मिलती है रोशनी,
जीवन में नहीं लगती कोई कमी,
तब जिससे आशीः माँगती हूँ -
वो कौन है?
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