Saturday, March 16, 1996

भारतीय इतिहास और विद्यार्थी

भारतीयों को गर्व हैं कि उनका इतिहास बड़ा लम्बा है,
पर हमारे लिए तो यो एक ऐसा मोटा खम्भा है,
जिसे तोड़ने हमारे कर्तव्यों में गिना जाता है,
हमें रास नहीं आता है,
और यही खम्भा गौरव बनाकर हम पर थोपा जाता है।
बहुत दुःख झेले भारतीयों मे अँग्रेजों के वक़्त इसकी तो हमें है अनुभूति,
पर, हाय! कोई हमारे दुःख से भी तो रखे सहानुभूति।
आज उनके दुःख पर हम आहें तो भरते हैं,
पर उनके नाम याद करने में जो हम मरते हैं,
उसे हमारे इतिहासकार शायद समझा नहीं करते हैं।

उन्होंने दुत्कारा अमरीका को क्योंकि तीन सौ साल ही पुराना देश है,
पर यारों, वो जानते नहीं हमारा कुछ अलग सा ही केस है।

हाय! कितना अच्छा है वहाँ के विद्यार्थियों को,
तीन सौ सालों को ही रटते हैं,
पर भारत का इतिहास हज़ारों साल पुराना है,
इसका ज़ुर्माना हम ही तो भरते हैं।

No comments: