कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है?
कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है?
कोई वज़ह नहीं कि जी न सकें,
हाथ में रखा जाम पी न सकें।
मजबूत हाथों के होते भी,
फिसलन की वजह से
कभी प्याले को हाथ से गिरते देखा है?
कभी ज़िन्दग़ी को हाथ से फिसलते देखा है?
2 comments:
Thaam lo is zindagi ko,
isse pehle ki ye hath se choot kar chale dhara ko.
Cheers!!
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