Monday, December 09, 1996

जीवन और मन

कुछ घटनाएँ जो छू जाती हैं कहीं अंतर्मन को,
ज़रूर कभी-कभी प्रभावित करती हैं जीवन को।

प्यार के बदले में एक चाँटा.
कभी धैर्य का पाठ है पढ़ाता,
कभी विद्रोह का सबक बन जाता,
और मन को कहीं है छू जाता।

अनपेक्षित प्यार भरी एक चपत,
कभी बन जाती है जीवन की हिम्मत,
कभी लगती है कोई बनावट,
दे जाती है मन को कोई हरकत।

छाँव की खोज में मिलने वाली एक धूप,
कभी ले लेती है चुनौती का रूप,
कभी लगती है दुर्भाग्य-सी कुरूप,
मन को ये झकझोरती है खूब।

निराशा की धूप में आशा का पेड़,
कभी-कभी देता है शीतल छाँव घनेर,
कभी लगता है पर बनावटी एक खेल,
मन को चंचलता दे जाता है ढेर।

दोस्तों की खोज में मिलने वाले दुश्मन,
कभी तो नहीं देते चेहरे पर कोई शिकन,
कभी वो ही हो जाते हैं जीवन की उलझन,
और उलझता चला जाता है मन।

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