मेरा नाम आदमी
मुझे याद है कि बचपन में,
धर्म और जाति की उलझन में,
मैंने माँ से पूछा था,
"माँ! बताओ मेरा धर्म है क्या?"
जाति भी मैंने पूछी थी,
पर वह मुझसे नहीं रूठी थी।
शान से सर उठाकर उसने था बताया,
"हिन्दू घर में बेटी तूने जन्म है पाया।
बेटी! तू एक ब्राह्मण घर से सम्बद्ध है,
यह समाज तुझे देवी मानने को कटिबद्ध है।"
काश! उस वक़्त बताया होता मुझे,
"मानवता का धर्म मिला है तुझे,
और भारतीयता है तेरी जाति"
काश! लिखी जाती दिल पर एक अमिट पाती।
कभी एक बुजुर्ग ने एक इन्सान था दिखाया,
और कुछ इस रूप में उससे परिचय था करवाया,
"इसने तुझसे पहले माँ की कोख से जन्म है पाया,
इसलिए ये तेरा सगा भैया कहलाया।"
काश! उन्होंने मुझे बताया होता,
कानों में प्रेम का मंत्र ये गाया होता,
"इन्सान हैं इस विशाल विश्व में जितने,
सभी के सब हैं तेरे सगे अपने।"
काश! इन्सानियत का पाठ पढ़ाया होता,
तो आज इन्सान बनकर मैंने भी दिखाया होता।
याद है मुझे कभी बचपन में,
बाँट कर खेले थे मैंने सारे खिलौने।
डाँट पड़ी थी मुझे कितनी फिर घर में,
सिखाया था कि न जाना उनके संग खेलने।
फिर 'क्यों' का जवाब कुछ मिला था मुझे ये,
"मुस्लिमों के संग रह च्युत होना न धर्म से।"
काश! मुझे उस वक़्त प्रोत्साहन मिला होता,
किसी को फिर कट्टरता का मुझसे आज न ग़िला होता।
ज़रूरत ना होती मुझे फिर आज ये कहने की,
"स्वार्थ से बनी मैं मेरा नाम आदमी"
2 comments:
हिन्दुत्व अथवा हिन्दू धर्म
हिन्दुत्व एक जीवन पद्धति अथवा जीवन दर्शन है जो धर्म, अर्थ, काम, मोक्षको परम लक्ष्य मानकर व्यक्ति या समाज को नैतिक, भौतिक, मानसिक, एवं आध्यात्मिक उन्नति के अवसर प्रदान करता है।आज हम जिस संस्कृति को हिन्दू संस्कृति के रूप में जानते हैं और जिसे भारतीय या भारतीय मूल के लोग सनातन धर्म या शाश्वत नियम कहते हैं वह उस मजहब से बड़ा सिद्धान्त है जिसे पश्चिम के लोग समझते हैं।
अधिक के लिये देखियेः http://vishwahindusamaj.com
Bahut Khoob....aapki saari kavita bahut khoobsoorat hai...
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