Monday, August 26, 1996

ज़िन्दग़ी

ज़िन्दग़ी
एक सुहाना सफ़र,
या तनावों का घर?

ज़िन्दग़ी
एक ख़ुशनुमा स्वप्न,
या एक ख़वाब जिसमें भरा हो ग़म?

ज़िन्दगी
प्यार का गीत,
या दुखों का मीत?

ज़िन्दग़ी
एक लाभदायक समझौता,
या सपनों का टूटा घरौंदा?

ज़िन्दग़ी
पूरी होती चाह,
या एक कठिन राह?

ज़िन्दग़ी
त्याग और बलिदान,
या ज़रूरत से ज़्यादा खिंची कमान?

ज़िन्दग़ी
खुशियों का पैग़ाम,
या ग़मों की दास्तान?

ज़िन्दग़ी
क्या?
आख़िर क्या?

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