सवाल
सवाल कईयों ने पूछे हैं,
मैं पहली नहीं हूँ।
सवाल सभी पूछते हैं,
मैं अकेली नहीं हूँ।
पर बहुत से लोग
सवाल पूछ-पूछ कर थक गए।
जवाब मिलने की तो छोड़ो
कोई अलग रास्ता तक न सूझा।
उसी लीक पर चलते गए।
और मैं?
क्या कम-से-कम
अलग रास्ता अपना पाऊँगी?
या यों ही अपने सारे सवाल लिए
एक दिन ख़ुद भी चली जाऊँगी।