उस देश में आतंकवादी पैदा होते हैं
वो कोई पत्थर नहीं होगा, प्रकृति की गिराई बिजली भी नहीं,
मानव के सधे सचेत हाथ, सोच-समझ कर एक बम गिरा जाएँगे,
पास की गली में खेलते कुछ फुर्तीले बच्चे शायद बच जाएँगे,
आज तुम चुप रहोगे, कल वे तुम्हारे दरवाज़े पर आएँगे,
तुम्हारी चुप्पी, कायरता की हँसी उड़ाएँगे, तुम्हें मार गिराएँगे।
तब यह न कहना कि उस देश में आतंकवादी पैदा होते हैं।