मैं क्रांतिकारी हूँ
मैं क्रांतिकारी हूँ।
मेरा परिचय, मेरा नाम बम-बंदूकों का मोहताज नहीं
मैं रक्षक हूँ उसका, जिसपर तुम्हें कोई नाज़ नहीं।
क्योंकि वह आह्वान है भविष्य का, पिछड़े कल की आवाज़ नहीं,
क्योंकि वह सीखता है इतिहास से, गिराता वर्तमान पर ग़ाज़ नहीं।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
जब राह के सारे काँटे हटाने के बाद भी,
जो चुभ रहा है तुम्हें अभी तक, आज भी,
वो मुक्ति का वाहक, वो सपनों का ग्राहक,
मैं ही हूँ खोखली परम्पराओं की मौत का साज़ भी।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
याद है वो गैलिलियो, जिसे तुमने मिटाया था।
याद है वो मीरा जिसे ज़हर पिलाया था।
आज भी जो तुम्हारे नियमों को चुनौती दे रहा है,
उसे दबाने की कोशिश में शोला तुमने बनाया था।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
हाँ, तुमने मुझे सड़कों पर चलते देखा है।
वहाँ पड़े हर पत्थर, हर धूलकण से मैंने सीखा है,
कि उपेक्षित और अस्वीकृत में कितना दम होता है,
और उन्हें उनका स्थान दिलाकर इतिहास मैंने लिखा है।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
तुम मुझे उपद्रवी का नाम देते हो,
मेरे खून की नदी में अपनी नैया खेते हो,
वह शरीर मर सकता है, जिसमें मैंने रूप धरा है,
क्रांतिकारी नहीं मरता, चाहे ज़हर के कितने प्याले देते हो।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
यह हो सकता है कि मैं तुम्हारी सत्ता पलट जाऊँ।
यह हो सकता है कि उससे पहले धूल में मिल जाऊँ।
पर मेरी जीत एक वजह, एक कारण का साथ देने में है,
तुम अपने स्वार्थ के लिए मरते जीत नहीं सकते, मैं कहीं भी जाऊँ।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
हाँ, यह सच है मेरे पास भीड़ नहीं, बाहुबल नहीं,
हाँ, सच है कि क्रांतिकारी हज़ारों में एक पैदा होता है,
पर यह भी सच है कि वो एक ही काफी होता है,
इसलिए वो क्रांतिकारी होता है।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
मेरा परिचय, मेरा नाम बम-बंदूकों का मोहताज नहीं
मैं रक्षक हूँ उसका, जिसपर तुम्हें कोई नाज़ नहीं।
क्योंकि वह आह्वान है भविष्य का, पिछड़े कल की आवाज़ नहीं,
क्योंकि वह सीखता है इतिहास से, गिराता वर्तमान पर ग़ाज़ नहीं।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
जब राह के सारे काँटे हटाने के बाद भी,
जो चुभ रहा है तुम्हें अभी तक, आज भी,
वो मुक्ति का वाहक, वो सपनों का ग्राहक,
मैं ही हूँ खोखली परम्पराओं की मौत का साज़ भी।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
याद है वो गैलिलियो, जिसे तुमने मिटाया था।
याद है वो मीरा जिसे ज़हर पिलाया था।
आज भी जो तुम्हारे नियमों को चुनौती दे रहा है,
उसे दबाने की कोशिश में शोला तुमने बनाया था।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
हाँ, तुमने मुझे सड़कों पर चलते देखा है।
वहाँ पड़े हर पत्थर, हर धूलकण से मैंने सीखा है,
कि उपेक्षित और अस्वीकृत में कितना दम होता है,
और उन्हें उनका स्थान दिलाकर इतिहास मैंने लिखा है।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
तुम मुझे उपद्रवी का नाम देते हो,
मेरे खून की नदी में अपनी नैया खेते हो,
वह शरीर मर सकता है, जिसमें मैंने रूप धरा है,
क्रांतिकारी नहीं मरता, चाहे ज़हर के कितने प्याले देते हो।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
यह हो सकता है कि मैं तुम्हारी सत्ता पलट जाऊँ।
यह हो सकता है कि उससे पहले धूल में मिल जाऊँ।
पर मेरी जीत एक वजह, एक कारण का साथ देने में है,
तुम अपने स्वार्थ के लिए मरते जीत नहीं सकते, मैं कहीं भी जाऊँ।
मैं क्रांतिकारी हूँ।
हाँ, यह सच है मेरे पास भीड़ नहीं, बाहुबल नहीं,
हाँ, सच है कि क्रांतिकारी हज़ारों में एक पैदा होता है,
पर यह भी सच है कि वो एक ही काफी होता है,
इसलिए वो क्रांतिकारी होता है।
मैं क्रांतिकारी हूँ।